नथ आपके पूरे लुक को बना भी सकती है और बिगाड़ भी सकती है. जूलरी चाहे कैसी भी हो, नथ की डिजाइन दुल्हन की खूबसूरती को चार- गुना बढ़ा देती है. ऐसे में अगर नथ मोतियों सी सुन्दर हो तो फिर क्या कहने.
शादी वो मौका होता है जब एक दुल्हन सबसे खूबसूरत दिखना चाहती है. इसके लिए होने वाली दुल्हन अपनी शादी की तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती. उसके लहंगे से लेकर मेकअप और जूलरी कैसी होगी इसकी तैयारी वो महीनों पहले ही करना शुरू कर देती है. करे भी क्यों न ! ये पल ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार ही आता है. दुल्हन के आउटफिट और मेकअप के अलावा जूलरी ही है जो उसकी खूबसूरती को बढ़ाती है और इसमें चार- चांद लगाती है दुल्हन की नथ. आप मानें- या न मानें मगर एक नथ से दुल्हन का पूरा लुक ही बदल जाता है. इसके लिए आपको ये पता होना ज़रूरी है कि आपके फेस पर छोटी या बड़ी किस तरह की नथ ज्यादा सुन्दर लगेगी.
Original Source: दुल्हन की खूबसूरती पर चार-चांद लगाएंगे ये नथ के डिजाइन
https://www.grihshobha.in/fashion/jewellery/nath-design-tips
अलंकारधारणा से अपेक्षित आध्यात्मिक लाभ होने हेतु अलंकारोें का सात्त्विक होना आवश्यक है । अलंकार का आकार एवं उसकी कलाकृति के साथ ही अलंकार धारण करनेवाला व्यक्ति सात्त्विक हो, तो अलंकार से सात्त्विकता एवं चैतन्य किसप्रकार प्रक्षेपित होता है, तथा नाक में पहनने वाले अलंकार से पहनने वाली स्त्री को किस प्रकार चैतन्य प्राप्त होता है एवंं अलंकार से प्रक्षेपित चैतन्य का क्या प्रभाव होता है, यह इस लेख में देखेंगे ।
१. नथ
आद्य शंकराचार्यजी के ‘त्रिपुरसुंदरीस्तोत्र’ में देवी से ऐसी प्रार्थना की है, ‘हे गिरिजा, मेरे द्वारा अर्पित यह नासिकाभूषण स्वीकार कीजिए’ । ऐसा कहा गया है कि नासिकाभूषण अर्थात ‘मोती’ । महाराष्ट्र में आज भी नथ मोतीजडित ही होती है ।
महत्त्व
१. साधना हेतु पूूरक :
‘नथ धारण करने से जीव की प्रकृति एवं प्रयत्नानुसार उसका अहंकार कुछ मात्रा में घटने में सहायता मिलती है ।
नथ धारण करने से जीव की अंतर्मुखता बढती है तथा वह अधिक स्व-परीक्षण करता है ।’
२. नथ के संपर्क में आकर नाक से होते हुए देह में प्रविष्ट होने वाली प्राणवायु को नथ के तेज का हल्का सा स्पर्श होने से स्त्री की देह पवित्र होना : ‘आम की गुठली समान नथ का आकार ब्रह्मांड की तेजरूपी शक्तिस्वरूप क्रिया धारणा से संबंधित होता है । नथ के संपर्क से नाक से देह में प्रविष्ट होनेवाली प्राणवायु को तेज का हल्का सा स्पर्श होने से स्त्री की देह पवित्र होती है । ऐसी शुद्धतत्त्वात्मक स्त्री तेजरूपी बलवर्धकता हेतु पोषक होती है; इसलिए नथ धारण की हुई स्त्री तेजस्वी एवं पवित्र दिखती है ।’
३. नाक के सर्व ओर चैतन्य का वलय निर्मित होना : ‘नथ में विद्यमान सात्त्विकता एवं चैतन्य के कारण नाक के सर्व ओर चैतन्य का वलय निर्मित होता है तथा नाक के सर्व ओर वायुमंडल शुद्ध होता है । इससे शुद्ध वायु श्वासमार्ग से नथ धारण की हुई स्त्री की देह में प्रवेश कर पाती है ।’
४. ईश्वरीय तरंगें बडी मात्रा में और सहजता से ग्रहण होना : ‘नथ धारण करने से स्त्रियों की चंद्रनाडी कार्यरत होती है । इसलिए वातावरण में विद्यमान चैतन्य ग्रहण करने में स्त्रियों की देह अधिक पोषक बनकर वह ईश्वरीय तरंगें बडी मात्रा में तथा सहजता से ग्रहण करती है ।’
५. अनिष्ट शक्तियों से रक्षा होना
‘नथ धारण करने से नाक के बिंदुओं पर दबाव पडता है तथा ‘बिंदुदाब उपाय (एक्यूप्रेशर)’ होने से वहां की काली शक्ति घटती है ।
नथ के कारण श्वसन मार्ग से आक्रमण करने का अवसर ढूंढ रही अनिष्ट शक्तियों से नाक एवं श्वसनमार्ग की रक्षा होती है ।’
‘जब स्त्री के तेज के लिए पोषक सूर्यनाडी कार्यरत होती है, तब नाक से होने वाली श्वासोच्छवास की वायुरूप प्रक्रिया भी गति धारण करती है । इस प्रक्रिया में अनेक तेजोमय कण उसके शरीर में प्रवेश करते हैं । इसी के साथ वे बाह्य दिशा में उत्सर्जित होते रहते हैं । नाक में धारण की हुई नथ के कारण अथवा उसके स्वर्ण की तार के कारण ये कण इस तार द्वारा ग्रहण होते हैं और तार पर बने गोलाकार भाग से बाह्य वायुमंडल में फुवारे के समान प्रक्षेपित होते हैं । इसलिए स्त्री की देह के सर्व ओर तेज का मंडल अथवा प्रभा वलय बनने में सहायता मिलती है । इस प्रभा वलय से अनिष्ट शक्तियां भी भयभीत होती हैं । नाक में धारण की गई तेजोमय लौंग (स्वर्ण की गोले जैसे आकार की) स्त्री में जागृत शक्तितत्त्व का प्रतिनिधित्व करती है; इसलिए देवताओं से अलंकार धारण करने की प्रक्रिया आरंभ हुई दिखाई देती है । हिंदू धर्म में जागृत स्त्री-तत्त्व के प्रतीक स्वरूप सभी ने इसे स्वीकारा है ।’
२. नथ मोतियों की क्यों होती है ?
मोती आपतत्त्व स्वरूप शीतल रूपी तारकता का प्रतीक होने के कारण नथ मोती की होना : आपतत्त्व स्वरूप शीतलरूपी तारकता के प्रतीक के रूप में मोती का उपयोग किया जाता है । नथ को श्वासोच्छवास के प्रमुखद्वार नासिका में स्थान दिया गया है । इससे नथ से प्रक्षेपित आपतत्त्वरूपी शीतल तरंगों की ओर ब्रह्मांड की शीतलता प्रदान करने वाली चैतन्यस्वरूप प्राणशक्तिदायी तरंगें आकर्षित होती हैं । प्राणशक्तिदायी तरंगें ग्रहण करने का मुख्यद्वार नासिकाद्वार है । अतः इस द्वार पर प्रमुख रूप से मोती की नथ की योजना की गई है । इन तरंगों के संयोग से देह में प्राणशक्तिरूपी तरंगों का संक्रमण होता है, जिससे जीव को निरंतर जागृत चेतना के रूप में सजगता एवं प्रसन्नता प्राप्त होती है । इसीलिए प्राणशक्ति तत्त्वात्मक चेतना को श्वास के माध्यम से जागृत करने के लिए विशिष्ट स्तर पर आपतत्त्व की सहायता से प्राणशक्तिरूपी शीतल तरंगें आकर्षित करनेवाली मोती की नथ को नाक के निकट स्थान दिया गया है । जैसा उद्देश्य, वैसा कार्य तथा वैसा ही स्थान ।
नाक में धारण किए जाने वाले अलंकार : लौंग एवं नथ
https://www.hindujagruti.org/hindi/hinduism/hindu-lifestyle/spiritual-jewelry/nose-ring
यूं तो नाक छिदवाना भारतीय परंपरा है, लेकिन आजकल लड़कियां फैशनलेबल और स्टाइलिश दिखने के लिए नाक छिदवाना पसंद करती हैं। लेकिन बहुत कम लड़कियां जानती हैं कि यह उनकी खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ भारतीय परंपरा के हिसाब से बहुत अच्छा भी है। पहले नाक छिदवाने का चलन कम हो गया था लेकिन आजकल इसका ट्रेंड काफी तेजी से चल रहा है। आजकल तो लड़कियां ट्रेंड के हिसाब से कई तरह के नोज रिंग पहनना पसंद करती है। खासतौर पर शादी के मौकों पर दुल्हन को नाक में नथ पहनाई जाती है। भले ही महिला ने नाक न छिदवाया हो लेकिन एक रिवाज के रूप में सभी उसके अनुरूप चलते हैं। भारतीय महिलाएं भी खुशी-खुशी शादी के मौको पर अपनी नाक में रिंग पहनने के लिए तैयार हो जाती हैं।
सालों से महिलाएं नाक छिदवाती आ रही हैं। परन्तु इसके पीछे की वजह को नहीं समझ पायी हैं। वे बस इसे एक सौंदर्य बढ़ाने का जरिया मानती हैं। देखने में खूबसूरत लगने वाली नाक की बाली, आपके शरीर पर भी लाभकारी असर डालती है। आइए आयुर्वेद के अनुसार नाक छिदवाने के फायदे के बारे में जानें।
आयुर्वेद में महिलाओं के नाक छिदवाने को बेहद खास माना जाता है। आयुर्वेदिक में इसे चिकित्सा से जोड़ कर देखा गया है। यह कहा जाता है कि अगर महिला अपनी बाईं और की नाक छिदवाती है तो उसे डिलीवरी के दौरान दर्द सहन करने में मदद मिलती है। आइए आयुर्वेद के अनुसार नाक छिदवाने के फायदे के बारे में जानें।
नाक छिदवाने से आपके बॉडी के स्पेशल प्रेशर पॉइंट्स प्रभावित होते हैं। इनसे बॉडी में खास प्रेशर पैदा होता जो हॉर्मोन पैदा करता है। यह हॉर्मोन आपके दर्द को कम करने में मदद करते हैं। जिस तरह एक्यूपंक्चर के जरीए लोगों को दर्द से राहत मिलती है उसी तरह नाक छिदवाने से भी महिलाओं को कई तरह के दर्द से राहत मिल जाती है।
कान और नाक शरीर के ऐसे अंग होते हैं जो ब्लड के सही सर्कुलेशन में मदद करते हैं। दिमाग तक ब्लड पहुंचाने के लिए इन दोनों अंगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। कान और नाक के प्रेशर पॉइंट पर छिदवाने के कारण ब्लड सर्कुलेशन सही होता है और दिमाग की शक्ति बढ़ती है। नाक छिदवाने से महिलाओं को गुस्सा कम आता है और उनका ब्लड प्रेशर भी नॉर्मल रहता है।
नाक छिदवाना एक्यूप्रेशर थैरेपी की तरह ही फायदेमंद होता है। नाक और कान छिदवाते समय जिन पॉइंट्स पर दबाव डालते हैं वे सीधे आंखों को फायदा पहुंचाते हैं।
हमारे शरीर के सभी अंग तंत्रिका और नसों के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। नाक छिदवाने से महिलाओं को पीरियड्स का दर्द कम होता है क्योंकि नाक के एक्यूप्रेशर पॉइंट रिप्रोडक्टिव सिस्टम से जुड़े होते हैं इसलिए नाक छिदवाने से भी पीरियड्स का दर्द कम होता है और साथ ही पीरियड्स मिस होने की समस्या भी नहीं होती है।
अब तो आपको समझ में आ गया होगा कि फैशन के साथ-साथ सेहतमंद भी रखता है नाक छिदवाना।
Original Source:
नाक छिदवाने से स्टाइलिश और फैशनलेबल दिखने के साथ सेहतमंद भी रहेंगी आप
फैशन के इस दौर में जहां डिजाइन आउटफिट का ट्रेड का काफी जोरों शोरों से चल रहा है तो वहीं नाक का फैशन एक बार फिर काफी ट्रैंड में है। अब फैशन की डिमांड पर यह नोज पियर्सिंग के फैशन ने एक बार फिर से दस्तक दे दी है। और अगर आप भी पियर्सिंग करवाने के लिए जा रहीं हैं तो ऐसे में आपके मन में पियर्सिंग से जुड़े कई सवाल भी होंगे । तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि जब भी नोज पियर्सिंग के दौरान आपको क्या परेशानी हो सकती है और आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शादी में नथ पहनने का ट्रेंड नया नहीं काफी पुराना है लेकिन अब इन्हें वो दुल्हनें भी कैरी कर रही हैं जिनकी पियर्सिंग भी नहीं है. ब्राइडल लुक को और ज्यादा गॉर्जियस बनाने के लिए ये दुल्हनों की विशलिस्ट में शामिल हो गया है. नथ को पहनने से ज्यादा बड़ा टास्क होता है उसे सही जगह पर टिकाए रखना. लाइट वेट हो या हैवी, इन्हें बार-बार ठीक करते रहना पड़ता है.
तो कैसे पूरी शादी फंक्शन में अपने नथ को टिकाए रखें इसके ट्रिक्स जानना बहुत ही जरूरी है. एक नज़र डालते हैं इन आसान से ट्रिक्स पर.
बहुत हैवी नथ न लें खासतौर से जब आपकी पियर्सिंग नहीं है. इसकी जगह हैंडीक्रॉफ्टेड नथ का ऑप्शन सही रहेगा.ये जल्दी स्लिप नहीं होते अपनी जगह पर टिके रहते हैं. हैंडीक्रॉफ्टेड नथ में कई सारी वैराइटी देखने को मिलती है जिन्हें आप आसानी से अपने आउटफिट्स के साथ मैच करा सकती हैं.
नथ का पेंच भी बहुत जरूरी चीज़ है. ध्यान रहें नथ का पेंच फ्रंट में दिखाई न दें.
ऐसी नथ चुनें जिनके किनारे फ्लैट हो जो उंगुलियों से दबाते ही आसानी से बंद हो जाएं. नथ के किनारे अगर बॉल डिज़ाइन वाले हैं तो उन्हें टिकाना थोड़ा मुश्किल होता है.
नथ को खरीदने के बाद एक-दो बार पहनकर चेक कर लें कि वो कितना कम्फर्टेबल हैं. जिससे अगर उन्हें बदलकर दूसरा ट्राय करना है तो उसके लिए आपके पास टाइम हो.
नथ की लैच सही जगह पर होनी चाहिए. अगर आपकी नाक पतली है तो छोटी नथ चुनें. जो न सिर्फ आपके लुक को कॉम्प्लीमेंट करेगी बल्कि इसके स्लिप होने के चांसेज़ भी कम होते हैं.
नथ को टिकाए रखने के लिए आप डबल साइडेड टेप का इस्तेमाल भी कर सकती हैं.
नथ के साथ उसकी चेन अटैच हो तो अच्छा रहेगा. ये न सिर्फ आपको खूबसूरत लुक देते हैं बल्कि उसे टिकाए रखने के लिए भी बेस्ट होते हैं.
पियर्सिंग नहीं है तो नथ को बहुत तेजी से प्रेस न करें. इससे दर्द के साथ सूज़न की प्रॉब्लम भी हो सकती है.
खाने से पहले नथ को हटा दें. इसे साइड चेन में फंसा दें और खाने के बाद वापस लगा लें.
अगर आपकी पियर्सिंग है तो आपके लिए नथ पहनना बहुत बड़ा चैलेंज नहीं फिर भी एक बार शादी से पहले नथ को अच्छे से पहनकर देख लें. जिससे छोटी-मोटी प्रॉब्लम्स को समय रहते ठीक किया जा सके.
Nostril यानि नथुना के पियर्सिंग की नाप अलग-अलग होती है तो अगर आप नथ डिज़ाइन करवा रही हैं या खरीद रही हैं इस चीज़ का ध्यान रखें वरना इसे पहनना बहुत ही मुश्किल होगा.
आजकल लड़कियां फैशन के मामले बहुत आगे निकल गयी है। नथ बाजार में आपको दुल्हन के पहनने वाली कई तरह की नथ मिलेंगी। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर भारत में शादी के वक्त लड़कियां नथ ही क्यों पहनती हैं? दरअसल, भारतीय परंपरा में नथ को बेहद महत्व दिया गया है। आपको कई शेप, स्टाइल और कलर वाली नथ देखने को मिल जाएंगी। भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण तक नथ पहनने की परंपरा है।
किस तरफ पहनी जाती है नथ:
दक्षिण भारतीय परंपरा में लड़कियां शादी के वक्त नाक के दाएं तरफ नथ पहनती हैं। वहीं, उत्तर भारत में लड़कियां नाक के बाएं तरफ नथ पहनती हैं। नथ पहनने के पीछे फैशन के साथ ही धार्मिक और स्वास्थ्य कारण भी हैं। नथ का धार्मिक महत्व तो है ही इसके साथ ही इसे पहनने से स्वास्थ्य लाभ भी होता है। हिंदु परंपरा में नथ लड़कियां शादी के दिन ही पहनती हैं।
इसलिए पहनती है नथ:
यह भी कहा जाता है कि नथ पहनकर लड़कियां माता पार्वती के प्रति सम्मान दर्शाती हैं। आयुर्वेद में नथ पहनने के पीछे पीरियड से जुड़ी वजह बताई है। आयुर्वेद में कहा जाता है कि नथ नाक के दाएं या बाएं तरफ जहां पहनी जाती है, उस प्रमुख हिस्से में हुए छेद के जरिए महिलाओं को मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियों में राहत मिलती है।
1- पियर्सिंग के दौरान होने वाले दर्द का रखें ध्यान नोज पियर्सिंग के दौरान दर्द होता है या नहीं, ये पूरी तरह से आपके दर्द सहने की क्षमता पर निर्भर करता है। इसलिए आप जब भी पियर्सिंग के लिए जाएं तो इस बात का ध्यान रखें की आप उस दर्द को कितना और किस तरह सहने की क्षमता रखती हैं।
2- पियर्सिंग से पहले नोज रिंग का चयन करें कौन सा मेटल या धातु आपकी त्वचा का सूट करता है ये आपके लिए जानना बेहद जरुरी होता है। क्योंकि अगर आप शुरु में आर्टिफिशियल नोज रिंग पहनेंगी तो इससे आपको इंफेक्शन भी हो सकता है। इसलिए आप इसे भूलकर भी ना पहने। हो सके तो आप ये पहले जान ले कि आपकी त्वचा पर क्या सूट करेगा।
3- पियर्सिंग को ना छोड़े खाली अगर आप नोज रिंग को निकालती हैं, तो इस बात का ख्याल रखें कि लंबे समय तक पियर्सिंग को खाली ना छोड़े। ऐसा करने से आपकी नाक का छेद बंद भी हो सकता है। और आपको दोबारा पियर्सिंग करवानी पड़ सकती है।
4- सर्दी में होती है समस्या सर्दी के दौरान अक्सर लोगों को जुकाम हो जाता है इसलिए अगर पियर्सिंग के शुरुआती दिनों आपको भी सर्दी लग जाती है तो यह आपके लिए मुसीबत बन सकता है। इसलिए रोजाना पियर्सिंग को साफ करें। क्योंकि ये आपकी पियर्सिंग की जगह पर इंफेक्शन पैदा कर सकती है।
5- इंफेक्शन का होता है खतरा पियर्सिंग करवाने के बाद इंफेक्शन होने का खतरा बन जाता है। इससे आपके पियर्सिंग के आसपास सूजन और दर्द की शिकायत भी हो सकती है। ऐसा उसकी सही तरीके से देखभाल ना करने पर होता है। आपको इस दौरान पियर्सिंग से फ्लूड आता हुआ नजर आएगा। ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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